Examine This Report on वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
वशीकरण मंत्र एक प्राचीन तकनीक है जिसका उपयोग व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति पर प्रभाव डालने के लिए किया जाता है। इन मंत्रों को सम्पूर्ण मान्यता के साथ पठाने या उच्चारण करने से, कहीं न कहीं असाधारण शक्तियां सक्रिय होती हैं जो दूसरे व्यक्ति को आपकी इच्छानुसार कार्य करने में प्रेरित कर सकती हैं। इन मंत्रों का उपयोग प्रेम, वशीकरण, विवाह, व्यापारिक सफलता, आर्थिक समस्याओं का समाधान आदि के लिए किया जाता है।
यह मंत्र व्यक्ति के मन को आकर्षित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके उच्चारण से, आप दूसरे व्यक्ति को आपके प्रति आकर्षित कर सकते हैं और उनमें अपने प्रतीक्षाएं जगा सकते हैं।
विधि: इस मंत्र को किसी शुभ मुहूर्त में अपनी क्षमता अनुसार जप कर सिद्ध कर लें। इसके बाद, प्रयोग के समय शुक्रवार को एक पुष्प लें और मंत्र का सात बार जाप करके उसे अभिमंत्रित करें। फिर उस पुष्प को जिस भी स्त्री पर फेंका जाएगा, वह मंत्र के प्रभाव से मोहित हो जाएगी।
त्व देवी जगत माता योनिमुद्रे नमोस्तुते
यदि उसे आँख खोलने पर दिखाई न दे, अर्थात् वह किसी ऐसी जगह हो, जहाँ विला जाए, उसे देखा नहीं जा सकता तो पैरों से भी काम लेना होगा। किसी किसी काम में हाथ, पैर, आंख, कान आदि सभी इन्द्रियों का काम आ पड़ता है। किसी में केवल बुद्धि का और किसी में केवल आत्मा का।
वशीकरण मंत्र का उपयोग विभिन्न लोगों द्वारा विभिन्न कारणों से किया जाता है। यह मंत्र निम्नलिखित क्षेत्रों में सहायता प्रदान कर सकता है:
इससे आपका कार्य फलित होगा ही check here मोहन का प्रभाव भी बना रहेगा.
माता अंजनी का हनुमान। मैं मनाऊं तू कहना मान। पूजा दें, सिन्दूर चढ़ाऊं ‘अमुक’ को रिझाऊं और उसको पाऊँ। यह टीका तेरी शान का। वह आवे, मैं जब लगाऊं। नहीं आवे तो राजा राम की दुहाई। मेरा काम कर नहीं आवे तो अंजनी की सेज पड़।
लाइलाह इल्लिल्लाह धरती से आसमान तक लाइलाह इल्लल्लाह अर्श से कुर्सी तक लाइलाह इल्लिल्लाह लोह से कलम तक लाइलाह इल्लिल्लाह मुहम्मद रसूलिल्लाह फलानी बेटे के बेटे को फलाने को मेरे बस में कर।
सब वीरन में तेरा सीर , सबकी नज़र बांध दे
कभी भी अमावस, ग्रहण या किसी भी बुरे महूर्त के समय नहीं मिलना चाहिए.
अगर आप प्रेमी प्रेमिका है तो आपको कुछ सावधानी रखनी चाहिए.
बार बार इसका प्रयोग न करे और जिस व्यक्ति के लिए किया है उसके अलावा किसी और के लिए इसे काम में न ले.
देवी के अमृत वचन सुनने के लिए देवी सरस्वती और लक्ष्मी भी उत्सुक रहती हैं। तीनों लोकों में पूजी जाने वाली देवी कामाख्या दयालु और मंगलकारी हैं।